.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और छोटे ऋण देने वाली संस्थाओं को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने बैंक फाइनेंस से जुड़ा जोखिम भार (रिस्क वेट) घटा दिया है, जिससे बैंकों के पास अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध होगी और वे अपने ग्राहकों को ज्यादा ऋण प्रदान कर सकेंगे।
इसके अलावा, अब बैंकों को उपभोक्ता लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में कम राशि अलग रखनी होगी, और उनकी उधारी क्षमता (Credit Capacity) में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ने नवंबर 2023 में ऋण देने के मानदंडों को सख्त करते हुए रिस्क वेट बढ़ा दिया था, जिसके बाद एनबीएफसी और छोटे ऋण देने वाली संस्थाओं के कर्ज देने की गति में मंदी आ गई थी।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें